इस
भ्रष्टाचार के दलदल में
हम सभी कुछ इस तरह फँस गये हैं कि यह तक नज़र नहीं आ रहा कि निकलें,
तो निकलें कैसे ? अगर देखा जाये तो हममें से हर ९९.९% व्यक्ति किसी न किसी रूप में
इस दलदल का उपयोग कर चुका है (चाहे वह आर.टी.ओ. को देना हो, गैस सिलेन्डर वाले को
या राशन कार्ड बनवाने के समय दिया गया हो) ऐसे अनेकों कार्य हैं, जिसमें हमने कहीं
न कहीं किसी न किसी रूप में रिश्वत का लेन-देन किया है| अगर देखा जाये, तो हम भी
उतने ही दोषी हैं जितने कि ये भ्रष्टाचारी नेता, जैसे कि हम अपने घर में ही देखें,
अगर कोई बच्चा आपके लाड़-प्यार की वजह से या आपके द्वारा अनदेखी करने की वजह से बिगड़
जाता है ,व अशोभनीय हरकतें करता है और आपको हर जगह उसकी वजह से नीचा दिखना पड़ता है
तो आप यह सोचने लगते हैं, कि यह कैसे हुआ अगर समय रहते हमने उस पर अंकुश लगा दिया
होता तो शायद आज यह दिन न देखना पड़ता, अब आप क्या करेंगे या तो आप उसे घर से निकाल
देंगे या उसे सजा देंगे, मगर सही मायने में जो समझदार होगा वह कुछ इस तरह सोचेगा कि
ठीक है बेटा तुम्हारी वजह से जो नुकसान हुआ है, उसे हम भरेंगे क्योंकि इसमें हमारी
भी गलती है, अगर हम समय रहते संभल जाते और तुम पर नियंत्रण रखते तो शायद हमें यह
दिन न देखना पड़ता, मगर बेटा तुम जानते हो कि तुमने जो किया, क्या वह सही किया ? अगर
तुम अपनी गलती को स्वीकार करते हो तो तुम्हें हमारे मार्गदर्शन में रहते हुये कार्य
करना होगा और जब तक हमें यह विश्वास नहीं हो जायेगा कि तुम सुधर गये हो तब तक
तुम्हें हमारे द्वारा निर्देशित नियमों में रहकर ही अपना जीवनयापन व्यतीत करना
होगा अगर तुमने उससे बाहर जाने की कोशिश की, तो हम तुम्हें घर से बेदखल कर
देंगे व तुम्हारे द्वारा किये गये गलत कार्यों में सज़ा मिलने के हिस्सेदार भी
बनेंगे| ठीक यही हालात आज हमारे देश की है, हमने समय रहते इस पर अंकुश नहीं लगाया
और अब अपना सिर पीट रहे हैं|
यह
भ्रष्टाचारी, जो खुद भी जानते हैं, कि उनके द्वारा जरूरत से ज्यादा गलतियाँ हो चुकी
हैं, अब पानी गले के ऊपर जाने वाला है और अगर हल्की सी भी हवा थोड़ी तेज़ बही भारत
देश के किसी भी कोने से चाहे वह छोटा सा गाँव ही क्यूँ न हो, अगर किसी भ्रष्टाचारी
ने कुछ भी गलत हरकत की तो जनता उसका बुरा हाल करेगी और उसके द्वारा गलत तरीके से
कमाया गया धन उसके किसी भी काम नहीं आयेगा और वे गीदड की मौत मारे जायेंगे, फिर यह
हवा ऐसी आँधी बन कर पूरे देश को निगलेगी कि इन भ्रष्टाचारियों को कहीं सर छुपाने की
जगह तक नहीं मिल पायेगी|
अगर हम
समझदारी का परिचय देते हुये इन भ्रष्टाचारियों को वाल्मिकी बन अपनी रामायण खुद
लिखने की (खाली लिखने की) इजाज़त दे व सत्ता अपने हाथ मे लें, मतलब सत्ता में हमारी
(जनता की) अपनी पसन्द का व्यक्ति पहुँचे जो हमसे पूछ कर किसी भी प्रकार का फैसला
करें, हमें यह फैसला करने से पहले यह भी सोचना चाहिये कि ये नेता किसके दम पर इतना
उछलते हैं, अगर गंभीरता से सोचें तो उसका सबसे बड़ा कारण हैं ये लोग, जो हमारे उन
नौजवानों का गली के कुत्तों के समान उपयोग करते हैं व उन्हें रोटी के कुछ टुकड़े
पकड़ा देते हैं जिससे वे उनकी चौखट छोड़ कर कहीं और नहीं जाते व जरूरत पड़ने पर
चिन्हित व्यक्ति को काटने का काम करते हैं, ये रहते तो कुछ ही तादाद में हैं लेकिन
मरने मारने पर उतारू रहते हैं, जिसकी वजह से आम नागरिकों की तादाद ज्यादा होने के
बावजूद ये लोग हावी रहते हैं व नेता का पूरे इलाके में आधिपत्य छाया रहता है, ये
नौजवान भी जानते हैं कि वे गलत कर रहे हैं व उनकी जवानी के दो चार साल तक ही यह सब
कर पायेंगे व बाद में उन्हें कोई पूछने वाला नहीं रहेगा अगर हम इन नौजवानों को
मुख्यधारा में जोडने के लिये कुछ ऐसा कदम उठायें, जिससे उन्हें लगे कि वे भी एक
शरीफ शहरी नागरिकों के समान जिंदगी व्यतीत कर सकेंगे तो ये अवश्य ही उस गन्दगी को
छोड़ने को राज़ी हो जायेंगे अगर हम उन्हें ये अहसास दिला सकें कि आप लोगों के द्वारा
भूतकाल में किये गये गलत कार्यों को हमारा संगठन तब तक नहीं उठायेगा जब तक कि आप
भविष्य में करने वाले सारे कार्य संविधान के दायरे में रहते हुये करेंगे| अगर आप के
द्वारा भविष्य में किया गया अमानवीय कार्य सिद्ध होता है तो यह संगठन आपके विरूद्ध
खड़ा हो जायेगा| भूतकाल में किये गये किसी अनैतिक कार्य की वजह से अभी भी किसी
व्यक्ति विशेष को परेशानी हो रही है, तो उसकी परेशानी दूर करने का दायित्व इस
वाल्मिकी का ही होगा| अगर हम इन चीजों पर भी गौर करें तो शायद हमारे लिये निर्णय
लेना और भी आसान हो जायेगा, जैसे अगर हम अपने मकान से सटे पड़ोस के मकान को गिराने
जायें तो नुकसान हमारे मकान का भी होता है, अगर जाल में फँसे किसी हिंसक जानवर को
हलाल करने की कोशिश करें तो वह पूरी ताकत से विरोध करेगा और परिणाम हमें भी भुगतना
पड़ सकता है| अतः अगर हम सोचें तो जहाँ तक है बड़े भ्रष्टाचार को छोड़कर उन छोटे-मोटे
भ्रष्टाचारियों से लड़ाई का रास्ता छोड़ कर उनसे कहें, कि आपने अब-तक जो किया बहुत हो
गया अब हमें आप पर विश्वास नहीं है, अतः अब आप चुप-चाप जगह खाली करें ताकि हम लोग
अपने ढंग से इस देश का निर्माण कर सकें|
बहुत ही
आसान हुआ, हमने कहा और वे मान गये, नहीं भाई इतना आसान नहीं है, ये डरे हुये जरूर
हैं मगर इतना जानते हैं कि उन्हें इतनी आसानी से नहीं हटाया जा सकता, मतलब हमें कुछ
ऐसा हथियार दिखाना होगा जिसे देखकर इन्हें समझ आये कि ये हथियार अगर चला तो अगर वे
आत्म-समर्पण नहीं करेंगे व वाल्मिकी नहीं बनेंगे तो रावण के समान उनका व उनकी सेना
का नाश हो जायेगा| हथियार हमारे पास तैयार हो चुका है उसे सामने रखने से पहले मैं
चाहूँगा कि आप लोग अपने आस-पास होने वाली गतिविधियों को समझें व जाने सबसे पहले तो
हमें यह सोचना चाहिये कि हमारे देश में प्रचुर मात्रा में खनिज, तेल व गैस भी
उपलब्ध है, हमारी धरती दूसरे देशों की धरती की अपेक्षा अधिक उपजाऊ स्थिती में है,
इसके बावजूद हम तरक्की नहीं कर पा रहे व हमें हर तकनीकी ज्ञान को विदेशों से कई
गुना रॉयल्टी
देकर आयात करना पड़ रहा है, जबकि वे हमारे यहाँ का खनिज काफी
कम मूल्य पर प्राप्त करते हैं व उसे थोड़ा सा सुधार करके (अगर आप कच्चे माल का जैसे
लोहे में निकल वगैरह मिलाना) मूल कच्चे माल की कीमत से कई गुना अधिक कीमत पर आयात
करते हैं, परिणाम, महंगाई बढती है इसी प्रकार हर जीवन के लिये हर उपयोगी सामान पर
किसी न किसी रूप में रॉयल्टी का नाम लेकर कई गुना कीमत बड़ा दी गई है| अगर हम इन
परिस्थितयों पर गौर करें तो हम पायेंगे कि इन सबका कारण हम लोग खुद हैं, हमारी
मानसिकता ही बड़े बुज़ुर्गों ने गुलामी सहते-सहते कुछ ऐसी बना दी है कि हम सिर्फ एक
बात कहते हैं कि हम लोग कुछ नहीं कर सकते, बस बहाव के साथ बहते रहो, परिणाम, हम लोग
कायर न होते हुये भी कायरों की सी जिंदगी बिताते हैं| दो गुण्डे तलवार लेकर आते हैं
और हजारों व्यक्तियों को डरा धमका कर चले जाते हैं और हम लोग चुपचाप उनके कहे
अनुसार राह पर चलने लगते हैं और अपना शोषण करवाते रहते हैं|
हम यह
जानते हैं एक नौजवान जब २० से २५ वर्ष की उम्र का होता है तब वह बहुत कुछ करना
चाहता है उसमें जोश होता है, उमंग होती है व दुनिया को जीतने का व कुछ कर दिखाने का
जज़्बा होता है मगर उनके अभिभावक उनके इस जोश की एक पल में हवा निकाल देते हैं व
यहाँ तक की, अपने बच्चों को इस तरीके से हर छोटी-छोटी गल्तियों पर लज्जित व जलील
करते हैं व उनसे कहते हैं कि जब तुम एक छोटा सा काम ठीक से नहीं सकते, तो जो सपना
हमें दिखा रहे हो, वह कैसे पूर्ण कर सकोगे, हाँ बर्बाद जरूर कर दोगे| परिणामस्वरूप
युवाओं का जोश ठण्डा हो जाता है और वह अपने सपने को (जिसके बल पर वह टाटा, बिरला
बनते हुये हजारों लोगों के काम आ सकते थे) बुनना छोड़ देते हैं, युवा अगर कुछ करना
चाहें, तो वह बिना आर्थिक मदद के कुछ कर नहीं सकते और आर्थिक मदद बैंक व अभिभावक से
ही प्राप्त हो सकती है और दोनों ही उनका साथ नहीं देते| जब तक वे इस लायक होते हैं
और उनके सपने को पूर्ण करने के लिये आवश्यक पूँजी उनके पास आती है तब तक वे हिम्मत
हार चुके होते हैं, यही प्रक्रिया वे अपनी भावी पीढी के ऊपर दोहराते हैं, परिणाम,
हम वहीं हैं व हमारा शोषण जारी है| अगर हम गौर करें और हम यह जानते भी हैं कि अगर
हम युवाओं को आर्थिक मदद के साथ कुछ करने का मौका दें, तो वे कुछ ही समय में देश की
ऐसी काया पलट कर देंगे जिसके बारे में हम सोच भी नहीं सकते इन नौजवानों के पास
ऐसी-ऐसी योजनायें हैं जिनका सहारा लेकर अपराध का नामोनिशान मिटा सकते हैं, आधुनिक
तकनीक का उपयोग करके यातायात व्यवस्थित कर सकते हैं, तकनीकी ज्ञान का सहारा लेकर
आत्महत्या करने वाले किसानों, कर्जदारों, महिलाओं को आत्महत्या से रोक सकते हैं,
बुद्धिमत्ता का परिचय देते हुये मजदूरों को शोषित होने से बचा सकते हैं, नेताओं
द्वारा गरीबों के वोटों का गलत तरीके से उपयोग करने से बहुत ही आसानी से रोक सकते
हैं, ऐसे हर वह काम जो इन्हें सौंपा जाये तो वे उसे आधुनिक तकनीक का उपयोग करते
हुये बहुत ही आसानी से पूरा कर सकते हैं|
इस मुहिम
को प्रारंभ करने के लिये हम लोगों के ज़ेहन में कुछ सवाल अवश्य उठेंगे और जब तक उनका
निराकरण नहीं होगा तब तक कोई भी इस मुहिम में शामिल होने से परहेज़ करेगा :
प्र.
अब सवाल है कि यह सब
बातें हम देशवासी बहुत ही अच्छी तरह जानते हैं मगर इन युवाओं को बहार लायें कैसे और
अगर ये बाहर आ भी गये, तो यह कैसे विश्वास हो कि ये लोग ईमानदारी से काम करेंगे और
ये अगर अनियन्त्रित हो गये तो इन्हें संभालना भी आसान नहीं रहेगा|
उ.
सवाल आप लोगों का बिलकुल
सही है युवाओं को संभालना इतना आसान नहीं है मगर हम कुछ बातों पर गौर करें तो हमें
मालूम पड़ेगा कि इन युवाओं की जरूरत क्या है, पहला वे कुछ ऐसा करना चाहते हैं कि
लोगों की नजरों में व उनकी प्रशंसा का पात्र बने इन्हें अपने चुनौती भरे कार्य को
करने के लिये एक लैपटॉप, मोबाईल व शुरूआत में आवश्यक जेब खर्च और वे जोखिम भरे काम
में हाथ डालें तो उन्हें
बैक-अप सहायता (घायल होने में मेडिक्लेम जैसी सुविधा, शहीद होने पर बीमे की ऐसी रकम
जिससे उनके परिवार को किसी भी प्रकार की आर्थिक परेशानी न हो उन्हें विश्वास हो कि
वे जो काम कर रहे हैं) उससे उन्हें जल्द ही आर्थिक पैकेज महीने में प्राप्त होने
लगेगा अगर हम ये सब सुविधा एक युवा को दें तो वह देश निर्माण में स्वतंत्रता की इस
दूसरी लड़ाई में सैनिक बनने को बहुत ही आसानी से तैयार हो जायेगा|
प्र. अब सवाल यह है, यह आ
तो जायेंगे मगर अगर इन्हें उचित आर्थिक मदद नहीं मिली तो ये भड़क जायेंगे व फिर इनको
संभालना मुश्किल हो जायेगा ?
उ.
ठीक कहा आपने, मगर अगर हम
गौर करें तो यह भ्रष्टाचार की समस्या खाली हमारी और आपकी नहीं है ये पूरे देश की है
अतः इस लड़ाई में पूरा देश तन से न सही मन व धन से तो सहयोग कर ही सकता है अगर वह
ऐसा नहीं करता है, तो यह आंदोलन यहीं ठप्प हो जायेगा और हमारी यह सेना आर्थिक तंगी
की वजह से टूट जायेगी और जिम्मेदार इस देश की जनता ही होगी क्योंकि उन्हें मौका
मिलने के बाद भी उन्होंने अपना योगदान नहीं दिया|
प्र. अब सवाल यह पैदा होता
है, कि जनता कहेगी, कि हमारे द्वारा दिये जा रहे धन का उपयोग सही जगह हो रहा है या
नहीं ?
उ.
बिल्कुल सही बात है, अगर
हम घर खर्चे के लिये कुछ पैसा देते हैं तो देने से पहले यह जरूर ध्यान रखते हैं कि
वह पैसा उचित कार्य के लिये ही लिया जा रहा है या नहीं और बाद में हिसाब की जाँच
करते हैं| सही बात है, अगर हम इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं तो हमसे पारदर्शिता
के बारे में सवाल पूछने का हक जनता रखती है उसके लिये
हम नीचे टिप्पणी (Note) दे रहे हैं :
१.
किसी भी प्रकार के
छोटे-मोटे खर्चों के हिसाब-किताब जैसे पेट्रोल, रिक्क्षा, स्टेशनरी वगैरह हर
व्यक्ति को जरूरी है और अगर उसका हिसाब-किताब वह व्यक्ति रखे, तो उसका मुख्य काम पर
ध्यान कम रहता है व हिसाब-किताब को लिखने में ज्यादा इसके लिये हम इन्हें महीने की
निश्चित रकम तय करेंगे जो सीधे इनके बैंक खाते में जायेगी ताकि वे बेफिक्र होकर
अपने काम में लगे रहें|
२.
जो भी व्यक्ति दान करेंगे
वे चेक (cheque) ऑन-लाइन या रोकड़े (cash) का उपयोग करेंगे जिसकी रसीद काटने के बाद
वेबसाईट पर रसीद की कॉपी नं. के साथ डाल दी जायेगी जिस किसी को भी इसमें कुछ भी
गड़बड़ी नजर आये वह शिकायत कर सकेगा| मतलब आप अपने द्वारा दी गई रकम रसीद के साथ जाँच
सकते हैं, अगर दान-पात्र के द्वारा पैसा इकट्ठा किया जायेगा तो उसके ताले पर सील
लगाकर हस्ताक्षर किया जायेगा| दान-पेटी खोलते समय उस क्षेत्र के दस सदस्यों का
उपस्थित रहना अनिवार्य रहेगा व उनकी निगरानी में दान की रकम गिनी जायेगी व उसकी
रसीद बनाकर वेबसाईट पर डाल दिया जायेगा|
३.
ज्यादातर हर कार्य का
वेतन चेक (cheque) द्वारा ही किया जायेगा व छोटे-मोटे कार्यों को एक निश्चत रकम के
साथ जिम्मेदार व्यक्ति को सौंप दिया जायेगा ताकि किसी भी प्रकार के लेन-देन को नोट
करने व हिसाब करने में परेशानी न आये व दान कर्ता इंटरनेट पर ही पूरा लेखा-जोखा देख
लें| अब सवाल है, कि खाली दान-कर्ताओं से तो यह संगठन नहीं चल सकता, होना यह चाहिये
कि दान-कर्ता सिर्फ संगठन को अपने पॉव पर खडा करने तक ही साथ दे बाद में संगठन खुद
ही अपना व अपने सदस्यों का खर्चा उठाने लगे|
प्र. अब सवाल यह पैदा होता
है, कि संगठन अपना खर्चा कैसे उठायेगा ?
उ. इसका जवाब है, कि
संसद - नगर निगम या विधान सभा में हमारे ऐसे ईमानदार व्यक्तित्व को पहुँचाना, जो
कुछ भी फैसला करने से पहले उस क्षेत्र जनता से बात करें व उसके बाद फैसला करें,
आपके द्वारा चुने गये इन विधायकों, पार्षदों (नगरसेवक) व सांसदों द्वारा जो भी
कार्य आपके क्षेत्र में करवाया जायेगा, वह इन नौजवानों के मार्ग निर्देशन में होगा,
परिणामस्वरूप किये गये कार्य की गुणवत्ता में सुधार होगा व जो लाभ ठेकेदार व नेता
अकेले उठाते थे वह हमारे क्षेत्र के इन नौजवानों को प्राप्त होगा और धीरे-धीरे
संगठन अपने पाँव पर खडा होता चला जायेगा|
प्र. ठीक है आपकी बात
मानी, मगर यह तो असंभव है कि चुनाव में आपके द्वारा तय किया उम्मीदवार ही जीत पाये
क्योंकि कोई भी उम्मीदवार जब तक लाखों करोड़ों रुपये खर्च करके न लड़े, तब तक जीतना
नामुमकिन है ?
उ. सही कहा आपने, इसी
लड़ाई को आसानी से जीतने के लिये हमारा यह हथियार रामबाण का काम करेगा, जिसके वार के
महत्व व उसकी क्षमता को देखकर दुश्मन खुद ब खुद आत्मसमर्पण कर देंगे व उनकी सेना के
काफी सिपाही तो हमारी सेना में आकर मिल जायेंगे, उन्हें हम पर पूर्ण विश्वास होगा
क्योंकि वे इस सच्चाई से भली-भांती परिचित हैं कि एक ईमानदार देशभक्त जो कहता है,
उस पर मरते दम तक कायम रहता है जबकि एक नेता तो वक्त पड़ने पर अपने बाप के साथ भी
गद्दारी करने से नहीं हिचकिचाता|
प्र. ठीक है भई, माना कि
आपका हथियार देख कर दुश्मन घबड़ा जायेगा मगर ये युवा अगर अनियंत्रित हुये तो कैसे
संभलेंगे ?
उ. इसका जवाब देना बहुत
जरूरी है, क्योंकि इसी के ऊपर हमारी जीत निर्भर करती है व एक नये भारत का निर्माण
हो सकेगा| हम जानते हैं, ये युवा या यह समझिये कि इस उम्र के नौजवान काफी जल्दी
आक्रोश में आ सकते हैं, अतः हमें इनको संभालने के लिये इनके अभिभावकों की जरूरत
पड़ेगी, क्योंकि हम जानते हैं, कि अगर कोई बेटा किसी के ऊपर हमला करने जाये और बीच
में उसके माँ-बाप आ जायें और कहें कि अगर तुमने इसको उंगली से भी छूना चाहा तो
तुम्हें हमारी लाश से गुजर कर जाना पड़ेगा, परिणाम आपके सामने रहेगा व वे युवा शान्त
हो जायेंगे व दूसरे के बहकावे में आये बिना आपस में बैठकर विचार-विमर्श करेंगे और
उत्पन्न समस्या सुलझा सकेंगे, अगर अभिभावक बीच में आ गये तो कोई भी युवा शान्त होने
में समय व्यर्थ नहीं करेगा और युवाओं को नियंत्रित किया जा सकेगा|
प्र. मगर अब सवाल यह उठता
है कि इन युवाओं के माँ-बाप क्यों युवाओं को रोकने के लिये सामने आयेंगे ?
उ.
इस सवाल का जवाब यह है कि
हम ऐसे ही युवाओं को नियमानुसार (देखें मुद्दे) भर्ती करेंगे जिनके माँ-बाप साथ में
संगठन के साथ जुड़ेंगे यानि अगर एक युवा जुड़ा तो साथ में कम से कम दो माँ-बाप या
तीसरा पती/पत्नी को अवश्य जुड़ना होगा अन्यथा इन्हें अपने संगठन में भर्ती नहीं
करेंगे| इन युवाओं की उमर १८-४५ वर्ष के बीच की रहेगी और वे ही अभिभावकों के
निर्देशानुसार अहिंसात्मक तरीके से कार्य करेंगे व क्षेत्र के विकास में सहयोग
देंगे|
अब
मुद्दा आता है हमारे हथियार का, उससे पहले हमें यह मालूम होना चाहिये, कि हमारे मूल
मकसद हैं धन का विकेन्द्रीकरण बिना वामपंथी विचारधारा का उपयोग करते हुये करना और
जीवन-यापन संबंधी सामान हमें बिना किसी गरीब या किसानों का शोषण किये आम जनता तक
उचित कीमत में पहुँचाना इसलिये हमें हर १०००० की आबादी में से ऐसे सौ आदर्श
स्वतंत्रता सेनानी खड़े करने होंगे, जो देश की इस स्वतंत्रता की दूसरी लड़ाई में
कुर्बान होने को तैयार रहें| अगर हम देखें तो हमारे पास १०००० की आबादी में से ऐसे
१०० आदर्श परिवार मिलेंगे जो हमारे हथियार का उपयोग करते हुये हमेशा एक दूसरे के
संपर्क में रहेंगे व ये अभिभावक ही आपस में विचार विमर्श करके ऐसे व्यक्तित्व को
सामने लायेंगे जो उनके क्षेत्र के काम को उनके क्षेत्र के युवाओं के द्वारा करवाने
को सहमत होंगे व उस क्षेत्र की आवाज संसद तक पहुँचाने में मदद करेंगे| हमारे इस
हथियार में ऐसी व्यवस्था है, कि ये अभिभावक आपस में बिना सफ़र किये क्षेत्रीय स्तर,
जिला स्तर या राज्य स्तर पर विचार-विमर्श कर सकेंगे व जरूरत पड़ने पर जनता से भी
सलाह मशविरा कर सकेंगे और अगर किसी विषय पर वोटिंग के द्वारा निर्णय लेना पड़ा तो
क्षेत्र की जनता मोबाईल के द्वारा वोटिंग करके (जिसे वह वेबसाईट पर जाँच भी सकते
हैं) भी निर्णय ले सकती है और अभिभावकों व जनता के द्वारा निर्णय लिये गये
व्यक्तियों को संसद में पहुँचाया जायेगा, हमारे युवा इस बात का ध्यान रखेंगे की
चुनाव के समय कोई पार्टी पैसों का गलत इस्तेमाल करते हुये चुनाव नियमों का उलंघन तो
नहीं कर रही है और उसकी क्लिप बना-बना कर वेबसाईट पर डालते रहेंगे और पोस्टरों
वगैरह से दीवार या रास्तों को खराब किया गया तो उसे निकालने व उसकी शिकायत स्थानीय
पुलिस व चुनाव आयोग से करते रहेंगे ताकि भ्रष्टाचारी नेता पैसों के गलत इस्तेमाल का
फायदा उठाकर वापस संसद में न पहुँच पायें|
आज हमें अन्ना जी ने सोते से जगाया है, सुब्रमण्यन स्वामी व बाबा रामदेव जी जैसे लोगों ने राह दिखायी है अगर आज भी हम नहीं जागे तो कल की वह सुनहरे भारत वाली सुबह शायद हम न देख पायें और हमारे बच्चे गुलामों की सी जिन्दगी जीते रहने पर मजबूर रहें, भ्रष्टाचारियों का हौसला बढता रहेगा हमारा सारे प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग विदेशी इसी प्रकार करते रहेंगे और देश का धन बाहरी देशों को विकसित करने के काम आता रहेगा| आईये हम सोते से जागें व मिलकर एक नये भारत की रचना करें|
प्र. अभी भी सवाल यही है,
कि हमें उस हथियार की झलक तो दिखायी नहीं दी, जिससे हमें विश्वास हो सके कि वास्तव
में यह दुश्मनों का नामोनिशान मिटा सकेगा ?
उ.
सही कहा आपने, अभी तो
हमने हथियार यानी सही मायने में हमारा वह सुदर्शन चक्र जो दुशमनों को खत्म करने में
अहम भूमिका निभायेगा! आईये हम कदम रखते हैं, आधुनिक तकनीक की उस दुनिया में जिसमें
अधिकांशतः लोगों की मानसिकता यह दर्शाती है, कि यह कम्प्यूटर तो केवल उच्च शिक्षा
प्राप्त या अंग्रेजी का ज्ञान रखने वाले महानुभावों के लिये ही है| यही सोच हमारी
तब भी थी, जब अंग्रजों ने ठाणे स्टेशन से मुंबई के बीच रेल पटरी बिछा कर रेलगाडी
दौडायी थी और लोगों ने डर के मारे
यह सोचना
शुरू किया कि कहीं ये पटरी से फिसल कर खेतों में न चली जाये या कुछ बड़ी दुर्घटना न
हो जाये, तो उसमें अंग्रेजों ने बन्दरों को बैठा कर ट्रेन को पटरी पर चलाया, मतलब
हमारे भारत देश में जब पहली बार ट्रेन चली तो उसमें बंदरों ने सफर किया और तब मानव
ने सोचा कि जब बन्दरों को कुछ नहीं हुआ तो हम क्यों डर रहे हैं, खैर उस वक्त तो वे
लोग काफी हद तक अशिक्षित थे आज वही लोकल ट्रेन इस मुंबई की
जीवन रेखा है, इसी प्रकार अगर देखें तो
जब चूल्हे से लोग खाना बनाया करते थे और जब गैस आयी तो डर के मारे कि, गैस से आग लग
जायेगी, किसी ने भी शुरू में इसे इस्तेमाल नहीं किया और आज हालात यह है कि गैस के
बिना हम रह ही नहीं सकते और जो डर था वह अब खत्म हो चुका है जिसको आज अशिक्षित
व्यक्ति भी इस खूबी के साथ इस्तेमाल करता है कि कहीं से यह पता नहीं चलेगा कि वह
अशिक्षित है कहने का मतलब यह है कि अगर हम कोई भी ऐसी तकनीक किसी अशिक्षित के सामने
इस ढंग से पेश करें, कि उसे उसकी उपयोगिता का ज्ञान हो और आसान इस्तेमाल कर सकें तो
वह उस तकनीक को इस्तेमाल करने से पीछे नहीं हटेगा| एक छोटे से वाक्य से हम समझ सकते
हैं, अगर हम आपसे कहें कि आप मेरे साथ दिल्ली चलिये, मैं आपको मंत्री बना दूँगा मगर
आप यह सोच कर कि ये बेवकूफ तो नहीं बना रहा है, और आप नहीं जायेंगे (मन में सोचेंगे
मैं अगर खर्चा करके ऑफिस से छुट्टी लेकर दिल्ली पहुँचा और काम नहीं हुआ तो मेरा
पैसा तो खर्च होगा ही और आसमयिक छुट्टी लेने की वजह से सर्विस से भी निकाल दिया
जाऊँगा) परिणाम यह होगा कि कोई भी आपकी बातों की सत्यता को जानने की कोशिश नहीं
करेगा| यहीं अगर आप उसे हवाई जहाज का आने-जाने का टिकट होटल की बुकिंग के साथ देंगे
तो वह फौरन तैयार हो जायेगा और सोचेगा कि नहीं भी मंत्री बना मगर हवाई जहाज में
घूमने का आनन्द तो प्राप्त होगा, कहने का तात्पर्य यह कि आज इन नेताओं ने इस देश को
इस हालात में पहुँचा दिया है व मानव को इस तरीके से जकड़ दिया है कि वे अपने भले की
किसी लंबी व अविश्वसनीय योजना पर काम करने की सोच भी नहीं पाते क्योंकि थोडा सा भी
वे डिस्टर्ब होंगे तो फौरन ही उनका घर का बजट बिगड़ जायेगा व परिवार में झगड़ा शुरू
हो जायेगा|
अब अगर
हम उन्हें कुछ ऐसा हथियार पकड़ाये जिसे वे बिना परेशान हुये आसानी से चला सकें तो वे
बड़ी आसानी से उस हथियार का इस्तेमाल शुरू कर देंगे| आईये हम आपको वहाँ ले चलते हैं
जहाँ हमें इस हथियार के दर्शन व इसे चलाने का तरीका पता चलेगा आईये कम्प्यूटर
खोलिये इंटरनेट कनेक्ट कीजिये टाईप कीजिये http://www.bvbja.com और इंटर कीजिये, अब
देखिये सामने आपको आपका भारत देश
दिखाई देगा| वह भारत देश जिसे इन भ्रष्टाचारियों ने गुलाम बना रखा
है व हमें स्वतंत्रता की इस दूसरी लड़ाई को लड़कर देश को आज़ाद कराना है और आपको इसके
लिये अपने क्षेत्र से कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं है आप अपने क्षेत्र से ही इस
सुदर्शन चक्र का इस्तेमाल कर सकते हैं| अतः अपने राज्य में जाईये देखें, आपको अपना
जिला (जैसे कि मुम्बई) दिखाई देगा, उसे किल्क करने पर बायीं तरफ मुम्बई शहर दिखाई
देगा और दाहिनी तरफ आपको “वार्ड/ग्राम पंचायत/महानगरपालिका” की सूची दिखाई देगी,
अगर उस सूची में आपके “वार्ड/ग्राम पंचायत/महानगरपालिका” का नाम न हो तो दाहिनी तरफ
नीचे "
अपना
वार्ड/ग्राम पंचायत/महानगरपालिका जोड़ें" नामक बटन है, जिसका उपयोग करके
निर्देशानुसार आप अपना “वार्ड/ग्राम पंचायत/महानगरपालिका” जोड़ सकते हैं| इसके बाद
अपना "वार्ड/ग्राम पंचायत/महानगरपालिका" चुन कर अपने ग्रुप में जायें, फिर ग्रुप को
किल्क कीजिये आपको एक वेबसाईट पेज दिखाई देगा जिसमें आप अपने अनुसार सदस्य बन सकते
हैं| अगर आप संगठन से जुड़ना चाहते हैं तो युवा सदस्य नामक बटन पर किल्क करें और
आवश्यक निर्देशों का पालन करें|
इसमें
किल्क करने पर बायीं तरफ चार बटन दिखाई देंगे जिस पर किल्क करके आप उसके बारे में
जानकारी हासिल कर सकते हैं जो दाहिनी तरफ दिखाई देगी जिसे आप पढ़ कर समझ सकते हैं|
१. आदर्श युवा
२.
सक्रिये सदस्य
३. शोषित
सदस्य
४. मतदान/सुझाव/शिकायत/टिप्पणी
१. अगर आप आदर्श युवा के
रूप में इस संगठन में शामिल होना चाहते हैं, तो नियमों को पूरी तरह पढ लीजिये व फिर
क्लिक कीजीये इसमें आपको आपका नाम, मोबाईल नं., पिताजी का नाम, मोबाईल नं., माताजी
का नाम, मोबाईल नं., पति/पत्नी का नाम, मोबाईल नं. अपने दोस्तों व पहचान वालों के
E-mail जितने अधिक होंगे उस हिसाब से उनके लिये यह माना जायेगा कि वे इस मुहिम के
प्रति कितने ईमानदार हैं और आगे उन्हें उसी हिसाब से जिम्मेदारी भी सौंपी जायेगी|
इसी प्रकार नीचे अपने पहचान वालों के मोबाईल नं. डालेंगे उसमें भी E-mail वाला नियम
ही लागू होगा आप चाहें तो Justdial, Sulekha जैसी वेबसाईट से भी E-mail note कर सकते हैं|
२.
अगर आप युवा या सक्रिये
सदस्य पर क्लिक करेंगे तो नियम अवश्य पड़ें अपना मोबाईल नं. व नाम डाल कर|
३.
अगर आप बाहर रहकर खाली
वोटिंग व विचार-विमर्श करना चाहते हैं तो अपना नाम, मोबाईल नं. व E-mail भरकर भेज
दें| आप लोगों को एक पासर्वड मोबाईल पर प्राप्त होगा, जिसका इस्तेमाल करके आप
सुदर्शन चक्र की आधी ताकत का इस्तेमाल कर सकेंगे व उसे समझेंगे, अगर आप इसकी पूरी
ताकत इस्तेमाल करना चाहेंगे, तो आपको आपके मोबाईल पर आपके क्षेत्र के वेबसाईट
संचालन करने वाले स्वयंसेवक का पता मिल जायेगा जहाँ जाकर आप अपना ID प्रूफ देते
हुये सुदर्शन चक्र को इस्तेमाल करने का अधिकार प्राप्त कर लेंगे| अगर आप इंटरनेट
इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं व आप अपना पासर्वड पाना चाहते हैं, तो भी आपको पासर्वड
मिल सकता है जिसके लिये आपको आपके मोबाईल से नाम, पिनकोड इस नं. पर SMS करना होगा
जिससे आप भी इस मुहिम के हिस्सेदार बन जायेंगे व अपने क्षेत्र के लिये अपनी राय या
वोट मोबाईल के द्वारा पहुँचा सकेंगे|
यह मुहिम १५ दिन तक चलेगी व उसमें आपको पता चलेगा कि आपके क्षेत्र से कितने लोग इस मुहिम से जुडे हैं और आपको पता चल जायेगा कि अब यह सत्ता हमारे हाथ में आ गई हैं सिर्फ औपचारिकता बाकी रह गई है| अगर आप इस सुर्दशन चक्र को प्राप्त करने के बाद भी नहीं जागे तो शायद फिर हमें कोई अन्ना हजारे, रामदेव या सुब्रमण्यन स्वामी जैसे व्यक्तित्व का साथ न मिल सके और हम गुलामी से बाहर न आ पाये|
क. हम आवहान
करना चाहते हैं ऐसे कर्जदारों को जो इस भ्रष्ट व्यवस्था की वजह से अपने आपको समाप्त
करने की सोच रहे हैं, हम चाहेंगे कि वे महसूस करें कि जो कर्जा उनके ऊपर है और
जिसकी वजह से बैंकों के गुण्डे व साहूकारों के बाहुबली आपके पास आकर आपको जलील करते
हैं व डराते धमकाते हैं असल में वे गुन्हगार हैं न कि आप, वे आपसे कानूनी रूप से
कुछ हासिल नहीं कर सकते असल में इन्हीं लोगों ने इस कर्ज के दलदल में आपको फँसाया
है, अतः अपराधी वे हैं न कि आप अतः मरना उन्हें है न कि आपको, वे यह जानते हैं कि
आप अकेले हैं और आपको ऐसे वक्त पर आपका अच्छे से अच्छा दोस्त भी बचा नहीं सकेगा और
दूसरी तरफ पुलिस तो उनकी गुलाम है, अतः वे आपको बेइज़्ज़त करते हुये वसूली करने आते
हैं और आप इस बात को अवश्य जानते हैं कि अगर आपके साथ कोई संगठन खड़ा हो जाये तो
आपका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता| अतः आप संगठन में मोबाईल के द्वारा पंजिकृत हो जाईये
और अपने आपको सुरक्षित कीजिये हम चाहेंगे कि हमारे वे भविष्य के सक्रिय कार्यकर्ता
जो दूसरी स्वतंत्रता की इस लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करना चाहते हैं वे ऐसे
कर्जदारों को चिन्हित करें व उनके मोबाईल से SMS करवायें लिखें - नाम, पिनकोड, कौन
सी श्रेणी की सदस्यता लेना चाहते हैं उसका नं., शोषित
श्रेणी
का नं. व उस कार्यकर्ता का मोबाईल नं. लिख कर SMS करें| जिससे कार्यकर्ता द्वारा
किये गये कार्य का ब्यौरा दर्ज होता रहेगा, जिसे संगठन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ
सौंपी जायेगी|
ख. हम आवहान
करते हैं उन शोषित मजदूरों से, जो ठेकेदारों और कंपनियों कि मिली भगत व उनके द्वारा
बुने हुये मकड़जाल का उपयोग करते हुये जिसमें भ्रष्टाचारी नेता भी शामिल हैं के साथ
मिलकर मज़दूरों का पूर्णरूप से शोषण करते हैं, इनसे कंपनी में बिना पहचान ID के काम
करवाया जाता है व इस ढंग से कंपनी के खातों की देख-रेख करते हैं कि कभी इन मजदूरों
के साथ दुर्घटना हो जाये तो यह तक वे साबित नहीं कर सकते कि उस समय वे कंपनी में
मौजूद थे या बाहर| आज आप लोगों का शोषण इस वजह से हो रहा है क्योंकि यह जो
भ्रष्टाचार का जाल फैला हुआ है इसका समर्थन करने वाले यह भ्रष्टाचारी नेता हैं अतः
हमें इन नेताओं को किसी भी हालत में बदलना है और हमारी युवा सेना आपको आधुनिक तकनीक
का उपयोग करते हुये कुछ इस तरीके से दिशा देगी, जिससे आप अपनी रोजी रोटी के मामले
में बिना शोषित हुये आत्मनिर्भर बनेंगे व जहाँ आप काम करते हैं वहाँ से आपको निकाले
जाने का खतरा पूरी तरह से टल जायेगा, आपको वे सब सुविधायें प्राप्त होंगी जो एक
स्थायी कर्मचारी को प्राप्त होती हैं, आपकी कंपनी जिस जगह आप काम करते हैं, उस जगह
की सुरक्षा संबंधी नियमों का पूरी तरह पालन करवाया जायेगा ताकि आपको कंपनी की
लापरवाही की वजह से स्वास्थ या दुर्घटना संबंधी किसी भी प्रकार की कोई शारीरिक हानि
न पहुँचे| आप वक्त को समझिये यह ऐसा दौर है जहाँ आपको आपकी हर समस्या से छुटकारा
मिल सकेगा| अतः अपने आपको पंजीकृत कीजिये हमारे संगठन में हमारे कार्यकर्ता कृप्या
ध्यान दें ऐसे शोषित मजदूरों को चिन्हित करें व उनके मोबाईल से संदेश भेजें उसमें -
नाम, पिनकोड, कौन सी श्रेणी की सदस्यता लेना चाहते हैं उसका नं., शोषित श्रेणी का
नं. व उस कार्यकर्ता का मोबाईल नं. लिख कर SMS करें|
ग.
हम आवहान
करते हैं, उन उपभोक्ताओं से जिन्होंने देशी-विदेशी कंपनियों की मशीनें खरीदी हैं व
वे कंपनियाँ अपना एकाधिकार करते हुये खुद के ऐसे अपारदर्शी क़ायदे-कानून बनाती हैं
जिसके नियमों मे उलझ कर उपभोक्ता बाज़ार में उपलब्ध उच्चकोटि के कच्चे माल का जिसकी
कीमत कम रहती है, उसकी अपेक्षा ३ से ४ गुना कीमत पर कंपनी से खरीदता है| अगर वे
कंपनी से कच्चा माल नहीं लेते तो उनकी मशीनों की वॉरन्टी को रद्द कर दिया जाता है
परिणामस्वरूप, उपभोक्ता कंपनियों के नियमों की पारदर्शिता न होने की वजह से शोषित
होता रहता है| जिसका कारण यह भ्रष्टाचारी नेता व यह भ्रष्टतंत्र है| हमारा संघठन
चाहेगा कि ऐसे शोषित उपभोक्ता संघठन से जुडें व अपने आप को पंजीकृत करें ताकि
कंपनियों द्वारा जो उनका शोषण हुआ है वह जुर्माने के साथ आपको वापिस मिले व आगे
कंपनियाँ इस तरह के काम करने से पहले आवश्यक पारदर्शी नियमों का पालन करते हुये
कंपनी उपभोक्ता को पूरी तरह संतुष्ट करे| हमारे भविष्य के कार्यकर्ता कृपया ध्यान
दें ऐसे शोषित उपभोक्ताओं को चिन्हित करें व उनके मोबाईल से संदेश भेजें उसमें -
नाम, पिनकोड, कौन सी श्रेणी की सदस्यता लेना चाहते हैं उसका नं., शोषित श्रेणी का
नं. व उस कार्यकर्ता का मोबाईल नं. लिख कर SMS करें|
घ. हम ऐसे
व्यक्तियों को आवहान करना चाहते हैं जिनकी संपत्ति पर बाहुबलियों ने भ्रष्टाचारी
नेता का साथ लेकर कब्जा कर रखा है हम चाहेंगे कि ऐसे शोषित व्यक्ति हमारे संगठन में
पंजीकृत हों ताकि उनकी संपत्ति पर कानूनन उनका हक प्राप्त किया जा सके और कोई
दादागिरी व गुंडागर्दी का प्रयोग करते हुये अपने कब्जे में न रख सके| हमारे भविष्य
के कार्यकर्ता कृपया ध्यान दें ऐसे शोषित व्यक्तियों को चिन्हित करें व उनके मोबाईल
से संदेश भेजें उसमें - नाम, पिनकोड, कौन सी श्रेणी की सदस्यता लेना चाहते हैं उसका
नं., शोषित श्रेणी का नं. व उस कार्यकर्ता का मोबाईल नं. लिख कर SMS करें|
ङ. हम ऐसे
सरकारी व गैर सरकारी जिनके ऊपर अफसरों द्वारा गैर कानूनी तरीके से दबाव डालकर काम
करवाया जाता है जिसे कार्य करने वाला कर्मचारी जानता है, कि मुझसे अफसर या मालिक
ग़लत या गैर कानूनी काम करवा रहे हैं लेकिन, नौकरी को बचाये रखने के लिये उन्हें
मानसिक तनाव में रहते हुये इस तरीके का कार्य करना पड़ता है परिणाम स्वरूप वो
depression का शिकार होकर परिवार को परेशान करते हैं या खुदखुशी कर लेते हैं| हम
चाहेंगे कि उच्च तकनीक का उपयोग करते हुये आप जैसे शोषित व्यक्तियों को तनाव मुक्त
जिन्दगी मिल सके, हमारे भविष्य के कार्यकर्ता कृपया ध्यान दें शोषित कर्मचारियों को
चिन्हित करें व उनके मोबाईल से संदेश भेजें उसमें - नाम, पिनकोड, कौन सी श्रेणी की
सदस्यता लेना चाहते हैं उसका नं., शोषित श्रेणी का नं. व उस कार्यकर्ता का मोबाईल
नं. लिख कर SMS करें|
च. हम यह
जानते हैं कि कोई भी व्यक्ति ग़लत कार्य या ग़लत रास्ते पर नहीं चलना चाहता लेकिन कुछ
लोगों के निजी स्वार्थ की वजह से उन्हें इस तरीके के ग़लत कार्यों को न चाहते हुये
भी करना पड़ता है और एक बार वे उसमें फँस जाते हैं, तो इन स्वार्थी व भ्रष्टाचारी
नेताओं के द्वारा ब्लैक मेलिंग करवा के बार-बार उनसे वैसा ही कार्य करवाया जाता है,
जबकि सही मायने में वे उस दलदल से बाहर आना चाहते हैं हम ऐसे शोषित व्यक्तियों को
श्री. जय प्रकाश नारायण के पथ पर चलते हुये उस दलदल से बाहर लाना चाहेंगे व उन्हें
वाल्मिकी बनने का पूर्ण मौका देंगे| हमारा संगठन ऐसे शोषित व्यक्तियों को पूरी
तरीके से मानसिक कानूनी सहारा देगा व देश की मुख्यधारा में जोड़ने का प्रयत्न करेगा|
अतः वे अपने आप को हमारे संगठन में पंजीकृत करें ताकि हम उनके इस प्रयास को सफल बना
सकें| हमारे भविष्य के कार्यकर्ता कृपया ध्यान दें इन वाल्मिकीयों को चिन्हित करें
व उनके मोबाईल से संदेश भेजें उसमें - नाम, पिनकोड, कौन सी श्रेणी की सदस्यता लेना
चाहते हैं उसका नं., शोषित श्रेणी का नं. व उस कार्यकर्ता का मोबाईल नं. लिख कर SMS
करें|
छ. हम ऐसे
बेरोजगारों को आवहान करना चाहते हैं, जो इस भ्रष्टतंत्र की वजह से मजबूर होकर कुछ
ऐसे छोटे मोटे अपराध कर लेते हैं, मगर बाद में पछताते हैं लेकिन एक बार उनके ऊपर
अपराधी की मुहर लग जाने के बाद यह भ्रष्टतंत्र के भ्रष्टाचारी नेता व अफसर बार-बार
ब्लैक-मेलिंग करते हुये बार-बार इन्हीं अपराधों को करने की ओर अग्रसित करते हैं और
अगर वे उनकी बात नहीं मानते हैं तो उन्हें किसी न किसी झूठे केस में फँसाकर
प्रताडित किया जाता है और न चाहते हुये उन्हें उस दलदल में बने रहना पड़ता है हम ऐसे
शोषित व्यक्तियों को आदरणीय श्री. जय प्रकाश नारायण के पथ पर चलते हुये देश की
मुख्य धारा में जोड़ना चाहेंगे अतः ऐसे शोषित व्यक्ति हमारे संगठन से जुड़ें ताकि हम
उन्हें आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुये पूर्ण रूप से तनाव मुक्त जिन्दगी जीना दे
सकें| हमारे भविष्य के कार्यकर्ता कृपया ध्यान दें शोषित मजदूरों को चिन्हित करें व
उनके मोबाईल से संदेश भेजें उसमें - नाम, पिनकोड, कौन सी श्रेणी की सदस्यता लेना
चाहते हैं उसका नं., शोषित श्रेणी का नं. व उस कार्यकर्ता का मोबाईल नं. लिख कर SMS
करें|
ज. आज देश
के हालात ऐसे हो गये हैं कि आम जनता का किसी भी पार्टी विशेष या किसी भी नेता पर
विश्वास नहीं रहा है, किसी भी नेता ने ऐसा विश्वसनीय काम नहीं किया है, जो जनता
उसपर भरोसा कर सके| हालात यह है कि कोई भी नेता चाहे किसी भी पार्टी का हो या कोई
भी बाहुबली किसी क्षेत्र में जाकर कोई सा भी ऐसा ग़लत शब्द या वाक्य बोल दें, जो उस
क्षेत्र की जनता के दिल में भरे आक्रोश की आग में घी डालने का काम करे, तो ऐसे
स्थान पर जनता बाहुबली व नेता का कुछ इस तरह हाल करेगी कि उन्हें शायद अपने पाँव पर
चलना भी मुश्किल हो जाये, सही मायने में देखा जाये तो आम जनता चाहती है कि यह
पार्टियाँ पूरी तरीके से अपने को नेस्तनाबूत कर दें ताकि नये समीकरण का उदय हो, एक
नई क्रान्ति आये और ऐसे नेता संसद या विधानसभा में पहुँचे जिनकी बदोलत देश में
भ्रष्टाचार नाम की चिड़िया का नामोनिशान तक न रहे और नये भारत का उदय हो| देखा जाये
तो हर पार्टी का कार्यकर्ता चाहता है, यह भ्रष्टाचार इस देश से दूर हो मगर वह अपनी
पार्टी के कार्यकलाप व अपनी बेरोजगारी से तंग आकर इसमें लिप्त रहने को मजबूर हैं हम
चाहेंगे, ऐसे पार्टीयों के कार्यकर्ता हमारे संगठन में अपना योगदान दे सकें| हमारे
भविष्य के कार्यकर्ता कृपया ध्यान दें ऐसे दूसरी पार्टीयों के कार्यकर्तायों को
चिन्हित करें व उनके मोबाईल से संदेश भेजें उसमें - नाम, पिनकोड, कौन सी श्रेणी की
सदस्यता लेना चाहते हैं उसका नं., शोषित श्रेणी का नं. व उस कार्यकर्ता का मोबाईल
नं. लिख कर SMS करें|
झ. मैं
आवहान करता हूँ ऐसे शोषित व्यक्तियों से जो मुकदमों के भँवर जाल में फँस कर अपना
कीमती समय व पैसा बर्बाद कर रहे हैं, जबकि उनके ऐसे लाखों करोडों मुकदमे सिर्फ छोटे
मोटे लड़ाई-झगड़े, पारिवारिक व जमीन-जायदाद के हैं, जिनको आपस में बैठकर मौहल्ला
समिती के समक्ष बैठकर आसानी से सुलझाया जा सकता है व ऐसे लाखों मुकदमे (चेक
रद्दीकरण व आर्थिक लेन-देन) जो अदालतों में लंबे समय से लंबित पड़े हैं, हमारे युवा
उच्च तकनीक का इस्तेमाल करते हुये कुछ इस तरीके से मामले सुलझायेंगे, जिससे दोनों
पक्ष को संतुष्टि होगी व वे अपना कीमती समय व पैसा बर्बाद करने से बचेंगे| हमारे
भविष्य के कार्यकर्ता कृपया ध्यान दें ऐसे शोषित व्यक्तियों को चिन्हित करें व उनके
मोबाईल से संदेश भेजें उसमें - नाम, पिनकोड, कौन सी श्रेणी की सदस्यता लेना चाहते
हैं उसका नं., शोषित श्रेणी का नं. व उस कार्यकर्ता का मोबाईल नं. लिख कर SMS करें|
ञ.
हम यह
आवहान करते हैं, ऐसे हज़ारों-लाखों रेलवे के मुसाफिरों से जिनको कभी भी आसानी से
अतिरिक्त पैसा बगैर दलालों को दिये टिकट हासिल हो पाया हो, रेलवे का प्रशासन तंत्र
ये सब जानते-बूझते भी कि उनके द्वारा रखे गये Agent रेलवे के कर्मचारियों के साथ
मिलकर कुछ इस तरीके का खेल खेलते हैं जिसका विश्लेषण करने पर उन्हें सब मालूम पड़
जाता है, कि रेलवे के कर्मचारी Agent को किस तरह से लाभ पहुँचा रहे हैं, जिसके कारण
आम यात्रियों को कभी भी confirm टिकट नहीं मिल पाता जबकि उसी समय अवधि में Agent
लोग इतने टिकट निकाल लेते हैं कि टिकट की बुकिंग waiting list में होने लगती है| इस
पूरे रेलवे प्रशासन तंत्र, रेलवे कर्मचारी व दलालों के द्वारा किये जा रहे
फर्जीवाडे को हमारी युवा सेना दल आधुनिक उच्च तकनीक का उपयोग करते हुये कुछ इस
तरीके से उजागर करेगी कि इस फर्जीवाडे के पैनल द्वारा किये जा रहे कारनामों का
कच्चा चिट्ठा नाम के साथ बाहर आयेगा व हमारी युवा सेना दल उच्च तकनीक का उपयोग करते
हुये कुछ इस तरीके की व्यवस्था करेगी, कि हमारे संगठन से पंजीकृत सभी सदस्यों को
आसानी से उनके समय पर Reservation उपलब्ध रहेगा व ऐसे दलालों को किसी भी प्रकार के
गैर कानूनी तरीके का इस्तेमाल करते हुये टिकट नहीं लेने दिया जायेगा और हमारे
पंजीकृत सदस्यों को टिकट आसानी से मिल सकेगा| अतः ऐसे शोषित यात्री इस सुविधा का
उपयोग करना चाहते हैं तो वे संगठन में पंजीकृत हों व हमारे भविष्य के कार्यकर्ता
कृपया ध्यान दें ऐसे शोषित व्यक्तियों को चिन्हित करें व उनके मोबाईल से संदेश
भेजें उसमें - नाम, पिनकोड, कौन सी श्रेणी की सदस्यता लेना चाहते हैं उसका नं.,
शोषित श्रेणी का नं. व उस कार्यकर्ता का मोबाईल नं. लिख कर SMS करें|
ट. हम आवहान
करते हैं ऐसे बिजली विभाग द्वारा शोषित उद्योगपतियों से जो बिजली विभाग के उन
नियमों की वजह से जिनका उपयोग करके बिजली विभाग के कर्मचारी उद्योगपतियों का शोषण
करते हैं जिसमें मुख्य यह है, जब कभी किसी उद्योगपती को अपने यहाँ मौजूद किसी मशीन
के खराब होने के बाद अगर काम की तादाद ज्यादा होने व समय की बाध्यता के कारण फौरन
नई मशीनें खरीदनी पड़ जाती हैं व पुरानी मशीन को उचित कीमत न मिलने की वजह से उसी
परिसर में मौजूद रखना पड़ता है, जिसकी वजह से Electrical Checking Inspector आकर
दुगुना जुर्माना ठोक देता है और समय पर जुर्माना न भरने से लाइन काट देता है| इस सब
की वजह से वह उद्योगपती जिसने इधर-उधर से कर्जा लेकर अपना उद्योग किसी तरह खड़ा किया
होता है और प्रतियोगिता की वजह से margin भी काफी कम रहता है, जो तमाम तरह के
लायसेंस और करों से जूझ रहा होता है वह भुखमरी की हालत में पहुँच जाता है व परिवार
सहित खुद को खत्म करने की सोचने लगता है| जबकि बडे-बडे घरानों के उद्योगपतियों ने
ऐसे जाने कितने बडे-बडे घपले किये होते हैं जिनकी ओर यह भ्रष्ट अफसर आँख उठाकर
देखने का साहस भी नहीं कर पाते, हम आवहान करते हैं ऐसे उद्योगपतियों से कि अब समय आ
गया है कि हम इकट्ठे हों व ऐसे किसी भी कार्य का विरोध करें| आज हमारे युवा इस
काबिल हैं कि उच्च तकनीक का इस्तेमाल करके इस प्रकार के हर भ्रष्टाचार को मिटाने की
ताकत रखते हैं| अतः आईये अपने आप को इस संगठन में पंजीकृत कीजिये| हमारे भविष्य के
कार्यकर्ता कृपया ध्यान दें ऐसे शोषित व्यक्तियों को चिन्हित करें व उनके मोबाईल से
संदेश भेजें उसमें - नाम, पिनकोड, कौन सी श्रेणी की सदस्यता लेना चाहते हैं उसका
नं., शोषित श्रेणी का नं. व उस कार्यकर्ता का मोबाईल नं. लिख कर SMS करें|
ठ. हम हमारी
युवा सेना के युवाओं को व सक्रिय कार्यकर्ताओं को कहना चाहेंगे कि वे अपने क्षेत्र
के ऐसे गरीब व्यक्तियों को चिन्हित करके वेबसाइट पर पंजीकृत करें जिन्हें दो वक्त
की रोटी नहीं मिल पा रही हो जिस वजह से वे मानसिक रूप से परेशान होकर अपने परिवार
के साथ अमानवीय व्यवहार करते हैं ताकि ऐसे व्यक्तियों के लिये हम अपनी युवा टीम
द्वारा आधुनिक उच्च तकनीक का उपयोग करते हुये इनकी संख्या नोट करने के पश्चात उनके
भोजन का प्रबन्ध उस समय तक कर सकें जब तक वे खुद इस लायक बन सकें| हमारी युवा टीम
इन ऐसे परिवारों में व्याप्त परेशानियों को देखकर वेबसाईट पर डालेगी व उस परेशानी
को दूर करने का प्रयत्न करेगी जैसे परिवार में कितने बच्चे हैं, बच्चे स्कूल जाते
हैं या किसी काम/मजदूरी में संलग्न हैं, महिला गृहस्थी संभालती है या घर से बाहर
काम/मजदूरी करती है| आदमी दिन भर में क्या काम करता है और क्या कमाता है, क्या वह
रात में दारू पीता है, क्या वह शराब पीकर घर में हंगामा करता है, परिवार में व्यापत
ऐसी परेशानियों को समझ कर दूर करने की कोशिश करेंगे जैसे बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं
तो उनके स्कूल जाने का प्रबन्ध किया जायेगा या फिर आर्थिक परेशानियों की वजह से
बच्चों को काम/धंधे पर लगाया गया है तो कुछ ऐसी व्यवस्था की जायेगी कि बच्चे स्कूल
जा सकें व काफी हद तक आर्थिक परेशानी भी दूर हो सके| अगर आदमी शराब पी कर हंगामा
करता है तो उस क्षेत्र के ऐसे ठेकेदारों का ठेका महिलाओं को संगठित करके महिलाओं के
द्वारा बंद करवा दिया जायेगा ताकि ऐसे परिवारों का दारू की वजह से किसी भी प्रकार
का विनाश न हो और वे देश की मुख्यधारा से जुड़ सकें| ऐसे परिवारों की महिलाओं को इस
तरह से शिक्षित किया जायेगा कि कम से कम वह यह समझ सकें कि बच्चों का शिक्षित होना
कितना उपयोगी है और महिलाओं के द्वारा ही उस घर की आर्थिक स्थिती में सुधार करवाया
जायेगा| हमारे भविष्य के कार्यकर्ता कृपया ध्यान दें ऐसे शोषित व्यक्तियों को
चिन्हित करें व उनके मोबाईल से संदेश भेजें उसमें - नाम, पिनकोड, कौन सी श्रेणी की
सदस्यता लेना चाहते हैं उसका नं., शोषित श्रेणी का नं. व उस कार्यकर्ता का मोबाईल
नं. लिख कर SMS करें|
हम आवहान
करते हैं उन सभी R.T.I. Activist, समाज सेवियों व ऐसे सम्मानित व्यक्तियों से जो यह
चाहते हैं कि हमारा देश माननीय लोकनायक श्री. जयप्रकाश नारायण जी के पदचिन्हों पर
चलते हुये वाल्मिकी बनने वाले हर शख्स को एक मौका देते हुये इस नये भारत की रचना
करने में जो पूरी तरह से भ्रष्टाचार मुक्त रहे, से सहमत हैं, वे हमारे संगठन की
कार्यप्रणाली की सैद्धान्तिक व्यूह-रचना को देखते हुये व इसमें उपलब्ध परदर्शिता के
महत्व को समझते हुये वे अगर यह महसूस करें, कि यह संगठन किसी भी प्रकार के
भ्रष्टाचार को बढावा नहीं देगा व उसके द्वारा किये गये कार्यों की सारी सूचनायें
वेबसाईट पर उपलब्ध रहेगी (जैसे दान दिये गये धन का ब्यौरा रसीद के साथ वेबसाईट पर
उपलब्ध रहेगा, खर्च किया गया पूरा ब्यौरा वेबसाईट पर उपलब्ध रहेगा) इस संगठन के
द्वारा कार्य करने की व्यूह-रचना कुछ इस तरीके से की जायेगी जिसमें हर 10000 की
आबादी में संगठन की एक शाखा होगी, जिसमें जो जनाधिपति रहेगा उसका काम सिर्फ सरकारी
कागजात को संभालने व उस पर हस्ताक्षर करने का रहेगा| किसी भी प्रकार का कोई पत्र या
अर्जी तैयार की जायेगी, तो उसे कम से कम दस युवाओं के अभिभावकों द्वारा एक कागज पर
अनुमति देने के बाद ही तैयार किया जा सकेगा, ऐसे प्रमाणित पत्र के बाद ही शाखा
प्रमुख लेटर पैड (Letter Pad) पर पत्र लिखकर हस्ताक्षर करेगा, फिर बाद में उसे
पोस्ट करेगा, उसके बाद प्रमाणित पत्र और इस पत्र को वेबसाईट पर तुरन्त डाल दिया
जायेगा| वेबसाईट पर डालने के बाद ही इस पत्र को मान्यता प्राप्त होगी अन्यथा इसे
जाली माना जायेगा| इस संगठन के राष्ट्रीय स्तर के प्रबंधक अगर किसी भी प्रकार का
ऐसा कोई निर्णय लेते हैं, जो देश की आम जनता से संबंधित है तो उसे हमारा Hi-fi
system का उपयोग करते हुये राज्य स्तर के प्रबंधक व क्षेत्रीय स्तर के प्रबंधक
अपने-अपने क्षेत्रीय युवाओं के कम से कम दो अभिभावकों द्वारा मतदान सुविधा का उपयोग
करते हुये ऐसे फैसलों की अनुमति देंगे जिसे वेबसाईट पर आम जनता को पूरी तरह नज़र
आयेगा|
हम
चाहेंगे, कि यह जो संगठन खड़ा किया जा रहा है, जो असल में उच्च तकनीक का उपयोग करते
हुये पंजिकृत किये हुये आम जनता के द्वारा ही संचालित होगा, यह प्रयोग पूरी तरीके
से कामयाब हो इसके लिये हम चाहेंगे मुंबई और पुणे शहरों में इसका उपयोग करते हुये
कामयाबी प्राप्त की जाये जिससे आम जनता के पास ऐसा संदेश पहुँचे कि यह जो दूसरी
स्वतंत्रता की लड़ाई की जो क्रान्ति है जिसका आधार IT का उपयोग करते हुये बनाया गया
है, वह भ्रष्टाचार को पूरी तरीके से इस देश से बाहर कर सकती है| हम चाहेंगे कि इस
कामयाबी को प्राप्त करने के लिये पूरा देश एक हो जाये और इस देश की आम जनता को
दिखाई दे कि अगर आप संगठित हुये तो सफलता आप के हाथ में ही रहेगी यह कामयाबी दिलाने
के फौरन बाद आने वाले सभी चुनावों में इस तकनीक को दोहराया जायेगा ताकि जहाँ-जहाँ
चुनाव हों वहाँ-वहाँ जनता के द्वारा चुने हुये ईमानदार प्रत्याशी सत्ता में जायें
इस कामयाबी के लिये जरूरी है तन- मन-धन से हर व्यक्ति इसमें सहयोग दे धन के लिये वे
इस संगठन के खाते में पैसे जमा कर उसकी जानकारी ई-मेल कर सकते हैं जिनकी रसीद काट
कर इंटरनेट पर डाल दी जायेगी| अब कामयाबी आप लोगों के ऊपर व जनता के ऊपर है| आज
भ्रष्टाचार का बिगुल सुब्रमण्यन स्वामी, अन्ना हज़ारे व बाबा रामदेव जी जैसे महान
व्यक्तित्वों ने देश की जनता को सोते से जगाया है, हम चाहेंगे, कि इन महान
व्यक्तियों की मेहनत बेकार न जाये और २०१३ आते-आते दिल्ली के लाल किले पर जनता
द्वारा मनोनीत प्रधानमंत्री तिरंगा फहरायें|