प्रेस नोट : 23 अप्रेल 2022
भ्रष्टाचारियों की वजह से अपराधी पकड़े नहीं
जाते...
देश की समृद्धि के सबसे बडे दुश्मन भ्रष्टाचारी हैं,
अगर आप देशभक्त हैं, तो मौका मिलते ही ऐसे भ्रष्टाचारियों को जरूर सबक सिखायें|
उन्हें कठोरतम से कठोरतम शब्दों से अलंकरित करें जिससे अन्य
भ्रष्टाचारी सबक लेना शुरू करें|
घर का दरवाज़ा तोड़कर हमला करने वाले अपराधी किसी भी हालत में
क्षमा के पात्र नहीं हैं, भले ही वे रिश्तेदार ही क्यों ना हों क्योंकि भ्रष्ट
पुलिसवालों को पैसा खिलाकर ऐसे अपराधी देशभर में अपनी दबंगियत का कोहराम मचाये
हुये हैं|
एमरजेंसी नं. 100 पर आनेवाली पुलिस यदि विपक्ष से पैसा खाकर
मामले में संज्ञान नहीं लेती है, तो निश्चित ही बेगुनाहों को इंसाफ की जगह जेल की सलाखें
मिलेंगी|
अतः ऐसे पुलिसकर्मियों के विरूद्ध IPC
की धाराओं 166A, 167, 168 के तहत FIR दर्ज करवाना आवश्यक है|
यदि प्रार्थी द्वारा दी गई शिकायत पर,
'भ्रष्ट व दरिन्दे
पुलिसकर्मी' प्रार्थी को'बयान लेने के नाम' पर बुलाते हैं और
पुलिस थाने में ही शिकायत वापस लेने के लिये उनके साथ मारपीट करते हैं व शिकायत
वापसी के दस्तावेज़ पर अंगूठा लगवाते हैं और फिर IPC की धाराओं 107 और 151 का सहारा लेकर जेल भेजते हैं|
तब यदि आप सच्चे देशभक्त हैं तो ऐसे भ्रष्ट पुलिसकर्मियों
को बीच चौराहे पर जूतों से मारने का इंतजाम करवा्ने के साथ-साथ उन्हें जेल भिजवाने
का काम करवाना होगा|
संगठन ने उपरोक्त मामले में पीड़ित की तरफ से CrPC
154 के अंतर्गत तीन आवेदन FIR दर्ज करने के लिये टोंकखुर्द पुलिस थाना,
देवास को भेजें है,
जिसके थाना-प्रभारी (TI) का नंबर 9575188011
है उन्हें फोन करके FIR दर्ज करने के लिये कहा जाये, जिससे भ्रष्टाचारियों में खलबली मचे और उनकी नींद हराम हो,
साथ ही अपराधियों व भ्रष्ट पुलिसकर्मियों के ऊपर FIR
दर्ज हो| आरोपियों के विरूद्ध दर्ज की जाने वाली तीन FIR
के आवेदन निम्न हैं:
1. हमला करने के लिये घर का
दरवाज़ा तोड़ा गया, प्रार्थी व उसकी पत्नि के साथ मारपीट की गई,
जान से मारने की धमकी दी गई और गंदी-गंदी गालियाँ दी गईं
–
http://www.bvbja.com/file/pdf/20220423_1.pdf
2. ब्यान के बहाने थाने बुलाकर
मारा-पीटा गया और जातीसूचक गालियाँ दीं साथ ही झूठी शिकायत दिखाकर IPC
की धारा 107 के तहत गिरफ्तार करके जेल भेजा गया साथ ही
सी.एम.हेल्पलाईन नं. 181 पर की गई शिकायत को धमकी देकर वापस लेने का गैर-कानूनी
काम किया गया - http://www.bvbja.com/file/pdf/20220423_2.pdf
3. एमरजेंसी नं. 100 पर फोन करके
पुलिस को शिकायतकर्ता ने खुद की सहायता के लिए बुलाया तो पुलिस आई मगर शिकायतकर्ता
की शिकायत सुनने की अपेक्षा भ्रष्टाचार करते हुये बिना पंचनामा किये व FIR
दर्ज किये वापस चली गई और ईमानदारी से अपनी ड्यूती नहीं
निभाई व दूसरी बार जब फिर से हमला हुआ तब बुलाने पर प्रार्थी के साथ भ्रष्ट
पुलिसकर्मियों द्वारा गाली-गलौच किया गया - http://www.bvbja.com/file/pdf/20220423_3.pdf
धन्यवाद!
सोनिका क्रांतिवीर
मोब. 99209-13897
भ्रष्टाचार विरूद्ध जागृति
अभियान
www.bvbja.com